विवेकानंद केंद्र समर्पण एवं सेवा प्रकल्प बीना
आजादी के अमृत महोत्सव
"हमें हमारी आंतरिक शक्तियों को पहचानना होगा" यह बात श्री वरुण मुद्गल जी ने विवेकानंद केंद्र समर्पण एवं सेवा प्रकल्प द्वारा आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम के अवसर पर कही। उन्होंने आगे कहा कि समस्यायें तो जीवन में आती जाती रहेगी, किंतु समस्याओं का समाधान हमारे लिए वरदान होता है और हम अधिक द्राणत से जीवन में आगे बढ़ते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम उस संस्कृति के वाहक हैं जिसने कभी किसी अन्य देश की सीमाओं पर अतिक्रमण नहीं किया लेकिन हमारे स्वाभिमान को ललकारने ने वालों को छोड़ा नहीं । सभी को अपने अंदर के विवेकानंद को पहचानना होगा और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अपनी संपूर्ण ऊर्जा लगानी होगी, यही सफलता का मूल मंत्र है
इस अवसर पर मंचासीन डॉ भरत पमनानी जी ने कहा कि हमें हमारे कार्य के प्रति समर्पित तथा ईमानदार होना चाहिए हमारा कार्य राष्ट्र की प्रगति में सहायक होना चाहिए।
कार्यक्रम में सुश्री रचना जानी प्रांत संगठक विशेष रूप से उपस्थित रही।
संवाद कार्यक्रम में बीना नगर, ग्राम पार , पटकुई ,बेरखेड़ी टाडा, सेमरा गणपत, बमोरी खंडेरा, कुरुवा धुरुवा, हिरनछिपा आदि आसपास के क्षेत्र के युवा उपस्थित रहे ।
भारत माता की जय