☀ गीता जयंती उत्सव कार्यक्रम ☀
4 दिसंबर 2022 रविवार दोपहर 12:00 पर
स्थान: समर्पण एवं सेवा प्रकल्प ग्राम हिरनछिपा बीना
"सूर्य - चंद्र सतत अपनी गति से चलते हैं, इसी प्रकार सभी को अपने जीवन की गति से चलना पड़ता है" यह बात डॉ चंदा रत्नाकर, प्राचार्य शासकीय बालिका महाविद्यालय, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा बीना द्वारा गीता जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने आगे बताया कि भगवत गीता कई हजार वर्ष पहले लिखी गई, किंतु वह हमेशा विश्व का मार्गदर्शन करती रहेगी। गीता हमें कार्य को पूजा समझकर करने के लिए कहती है। चींटी, पक्षी, पशु आदि बिना रुके अपना कार्य करते रहते हैं, इसी प्रकार हमें भी असफलताओं से सीख लेते हुए अपने कार्य में लगे रहना चाहिए। ईश्वर ने सभी को समान रूप से विवेक व मस्तिष्क दिया है, मस्तिष्क को भी पोषण चाहिए और यह पोषण भगवत गीता से मिलता है। भगवत गीता का ज्ञान अंधकार में प्रकाश का काम करता है। यह भगवान श्री कृष्ण के मुख से निकला वह प्रसाद है जिसमें समष्टि की सभी समस्याओं का समाधान है ।
कार्यक्रम में मंच पर श्री जगन्नाथ वाधवानी, नगर संचालक तथा डॉ प्रदीप कुमार मिश्रा, चिकित्सा अधीक्षक, विवेकानंद केंद्र बीना रिफाइनरी हॉस्पिटल भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में गीता जयंती को लेकर माननीय निवेदिता भिड़े, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के संदेश का वाचन व श्रवण सभी ने किया।
सौरभ भूरिया ने कर्मयोग श्लोक संग्रह का अध्ययन कराया।
कार्यक्रम का संचालन- प्रथमेश ने, गीत- कुंवर सिंह ने, विवेकवाणी- डॉ आशीष तिवारी ने, अतिथि परिचय- सुमित रावत ने, धन्यवाद प्रस्ताव- राजेंद्र दूर्वार ने, प्रार्थना- भारती लोधी ने प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का समापन शांति पाठ व केंद्र प्रार्थना के साथ हुए।