साधना दिवस
’’मनुष्य निर्माण का अर्थ है एक व्यक्ति में दायित्व जागृत कर उसमें
एकात्म भाव से राष्ट̭ के लिये कार्य करने का विश्वास जगाना।’’ यह बात श्री नीलरत्न पात्रा, भोपाल विभाग सम्पर्क प्रमुख ने साधना
दिवस के उपलक्ष्य में झूलेलाल मंदिर, बीना में आयोजित साधना दिवस कार्यक्रम के अवसर पर कही। उन्होंने कहा
कि विवेकानंद शिला स्मारक के शिल्पी माननीय एकनाथ रानडे जी की जयंती को साधना दिवस
के रूप में मनाया जाता है । उन्होंने अपने जीवन व्यवहार से कार्यकताओं के लिये कई
आदर्श स्थापित किये । जिस प्रकार उन्होंने विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुये
उनका समाधान किया एवं विवेकानंद शिला स्मारक निर्माण कराया तथा विवेकानंद केन्द्र
की स्थापना की हम सभी के लिये प्रेरणा स्त्रोत हैं ।
इस अवसर पर श्री मुरारी गोस्वामी, नगर संघचालक जी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । उन्होंने बताया कि 19 नवम्बर को ही महारानी लक्ष्मीबाई की भी जयंती रहती है और उन्होंने अपने युद्ध कौशल एवं नेतृत्व क्षमता से ब्रिटिस साम्राज्य की नीव को हिला दिया था । माननीय एकनाथ जी तथा महारानी लक्ष्मीबाई दोनों ही कुशल नेतृत्वकर्ता थे और यह उन्होंने अपने कृतित्व से सिद्ध किया ।
मननीय निवेदिता दीदी के संदेश पत्र का वाचन सभी कार्यकर्ताओं ने क्रमशः किया ।
इस अवसर पर अक्टूबर माह में
महाविद्यालयों में आयोजित युवा प्रेरणा प्रतियोगिता के सहभागियों को प्रमाण पत्र
भी वितरित किये गये ।
कार्यक्रम का संचालन - प्रथमेश बाथरी, अतिथि परिचय - श्री भूपेन्द्र नामदेव, गीत - कुअंर सिंह, एकनाथ वाणी - उमेश गोस्वामी, प्रार्थना - कल्याण एवं कु भारती तथा धन्यवाद
प्रस्ताव श्री भूपेन्द्रमणि जी द्वारा दिया गया ।