" यदि मन नियंत्रित हो तो हर क्षेत्र में देंगे बेहतर योगदान"
माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने बीओआरएल अधिकारियों को योग प्रबोधन में कराई योग निद्रा
माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने बीओआरएल अधिकारियों को योग प्रबोधन में कराई योग निद्रा
बीना। विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ योगविद् माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने भारत ओमान रिफायनरीज लिमिटेड (बीओआरएल) के अधिकारियों के लिए 13 जून 2019 की शाम बीओआरएल आवासीय परिसर के खजुराहो क्लब में योग एक जीवन पद्धति विषय पर आयोजित प्रबोधन सत्र में योग से किस प्रकार हम अपनी जीवन शैली को आदर्श बना सकते है, बताया उन्होने योग वशिष्ठ के माध्यम योग पर बोलते हुए कहा कि महर्षि वशिष्ठ ने भगवान राम को योग की शिक्षा देते हुए बताया कि मन पर नियंत्रण या मन को प्रशमित करना ही योग है, हमम न की चंचलता को यदि अपनी सजगता से अनुभव कर उसे नियंत्रित कर लेते है, तो हमारी मन की शक्ति बढ जाती है, और हमारी कार्यक्षमता भी बढ जाती है। यदि मन नियंत्रित नहीं है, तो भटकाव बढेगा और यदि यही चंचलता और भटकाव बढता गया तो हम अवसाद की ओर बढते जाते है, जो आगे चलकर हमारे पूरे जीवन को बर्बाद कर सकता है। अतः योग ध्यान और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से हम ऐसी चंचलता को रोक सकते हैं।
माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने आगे कहा कि हम यदि नियमित रूप से योग निद्रा करते है, तो हमारा मन और शरीर दोनों ही स्वस्थ्य होते है, और हम समाज के लिए एक बेहतर और आदर्श की स्थापना करते है। प्रबोधन सत्र के अंत में माननीय श्री हनुमन्त राव जी ने वहां उपस्थित बीओआरएल के अधिकारी व उनके परिवारजनों को योगनिद्रा का अभ्यास भी कराया। अंत में बीओआरएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं खजुराहो क्लब के सचिव श्री दयाल जी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज योग एक जीवन पद्धति विषय पर जो प्रेरक व्याख्यान सुना और योगनिद्रा का अलौकिक अनुभव माननीय हनुमन्त राव जी ने कराया उसके लिए हम विवेकानन्द केन्द्र के आभारी है, जो हमें ऐसे अवसर प्रदान कराया। केन्द्र के वरिष्ठ अधिकारियों के प्रवास के दौरान ऐसे कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाते रहे हम ऐसी अपेक्षा केन्द्र से करते हैं। कार्यक्रम में विवेकानन्द केन्द्र मध्य प्रान्त की प्रान्त संगठक सुश्री रचना जानी दीदी, बीओआरएल के वरिष्ठ अधिकारी व उनके परिवारजन उपस्थित रहे।