🚩 विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा बीना🚩
☀विमर्श☀
🌸उन्होंने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि कन्याकुमारी की इसी शिला पर स्वामी विवेकानंद को अपने जीवन लक्ष्य का अन्वेषण हुआ था और यहां से जाने के बाद शिकागो की धर्म संसद से स्वामी जी का संपूर्ण राष्ट्र को जागरण का आह्वान हुआ था। तत्पश्चात पूरे संसार ने स्वामी जी को नमन किया और विजई होकर लौटे। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि शिला स्मारक के निर्माण में तीन स्तरों पर बाधाओं का सामना करना पड़ा, जिनपर माननीय एकनाथजी रानाडे ने अपनी कुशल नेतृत्व एवं संघटनात्मक क्षमता से विजय प्राप्त की। देखने में दुर्गम से दिखने वाले इस कार्य को उन्होंने 323 सांसदों से शिला स्मारक निर्माण के समर्थन पत्र पर मात्र तीन दिन में हस्ताक्षर प्राप्त किए । उन्होंने अपने सभी विरोधियों को अपने पक्ष में कर इस राष्ट्रीय स्मारक के निर्माण कार्य को प्रशस्त किया। इसका औपचारिक उद्घाटन 2 सितंबर 1970 को भारत के उपराष्ट्रपति श्री वी वी गिरि ने किया । उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, स्वामी रंगनाथन भारत के उपराष्ट्रपति सीजीएस पाठक जैसे कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन आचार्य श्री राम शर्मा जी ने किया। आदरणीय श्री सत्यजीत जी ठाकुर ने स्वागत अभिभाषण तथा अतिथियों का सत्कार किया । आदरणीय जगन्नाथ जी वाधवानी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। योग शिक्षक डेलन सिंह एवं केंद्र विद्यालय के छात्रों ने एडवांस योग का डेमो दिया ।बहन भारती स्वाति तिवारी संस्कार वर्ग की बालिकाओं ने भी प्रार्थना एवं गीत गाए भाई पंकज तिवारी जी ने एकनाथ वाणी बोली शांति पाठ के साथ वर्ग का समापन हुआ