🚩विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा बीना🚩
☀गुरुपूर्णिमा उत्सव☀
१६.०७.१९, समय संध्या ४ से ६ तक
🕉🕉
🕉
🌸इस दिन को भगवान वेद व्यास के प्रकटोत्सव के रूप मैं मनाया जाता है जिन्होंने भारतीय संस्कृति के आधार स्तम्भ चार वेदों एवं महाभारत जैसे ग्रंथो की रचना की जो आज भी हमारे पथप्रदर्शक है. इस कारण उनका एक नाम वेद व्यास भी है। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है, यह बात आदरणीय गोविन्द खांडेकर, कार्यालय प्रमुख, मध्य प्रान्त ने गुरुपूर्णिमा के अवसर पर विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा बीना द्वारा दुर्गा मंदिर के प्रांगण, (निर्मल ज्योति स्कूल के पास) मैं कही. इस अवसर पर उन्होंने विवेकानंद केंद्र के सम्पूर्ण भारत वर्ष एवं बीना नगर में संचालित गतिविधियों को सभा के समक्ष विस्तार से रखा .
🌸मुख्या वक्त आदरणीय आचार्य दशरथ पुरोहित जी ने गुरुपूर्णिमा के अवसर पर कहा कि शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और रु का का अर्थ किया गया है- उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है। ठाकुर रामकृष्ण परमहंस एवं स्वामी विवेकानंद एक आदर्श गुरु - शिष्य रहे है. विवेकानंद की जिज्ञासा को शांत करने के लिए गुरु परमहंस ने ईश्वर के दर्शन का मार्ग भी उन्हें बताया.
🌸कार्यक्रम में नन्ही बालिकाओं खुशी, रिद्धिमा, अनोखी, रश्मि, मन्नत, छोटू द्वारा नृत्य के माध्यम से गुरु वंदना का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया गया, बालिका अनोखी ने मधुर स्वर में दोहे सुनाए, संगीत गुरु श्री महेशजी एवं शिष्य अंकित पाल एवं श्री रितेश रस्तोगी द्वारा हारमोनियम, तबला एवं बासुरी वादन के माध्यम से सुन्दर भजन की प्रस्तुति दी गयी .
🌸आदरणीय भंवर सिंह राजपूत, प्रान्त प्रमुख जी ने इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य शिक्षकों को श्रीफल भेट कर सम्मानित किया. अंत में सभी ने ॐ के चित्र के समक्ष पुष्पार्पित कर अपने कार्य को ईश्वरीय कार्य मानकर समर्पण भाव से अधिकतम राष्ट्रीय हित में करने की सपथ ली .